मेरे जीवन साथी by
रिया सिंह सिकरवार "अनामिका"
किताब के बारे में...
इस कहानी में आप दहेज देने वाले पति को देखेंगे। लड़का लड़की वालों के ऊपर ज्यादा बोझ भी नहीं पड़ने देगा और अपने माता - पिता को दहेज नहीं लेने को भी नहीं कहेगा क्योंकि हमारे यहाँ तो यह एक जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। खास कर मीडिल क्लाश के लोगों में दहेज लेना अधिक सम्मान की बात होती है। तो यहाँ लड़का बीच का रास्ता अपना लेता है। जिससे ना ही उसके माता - पिता को बुरा लगेगा और ना ही लड़की वालों के ऊपर अधिक भार पड़ने देगा। इससे दोनों परिवार में खुशी भी बनी रहेगी और संबंध भी अच्छा रहेगा।
यदि आप इस पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक से इस पुस्तक को पढ़ें या नीचे दिए गए दूसरे लिंक से हमारी वेबसाइट पर जाएँ!
https://hindi.shabd.in/mere-jivan-sathi-riya-singh-sikarvar-anamika/book/10087519
https://shabd.in/
रिया सिंह सिकरवार "अनामिका"
किताब के बारे में...
इस कहानी में आप दहेज देने वाले पति को देखेंगे। लड़का लड़की वालों के ऊपर ज्यादा बोझ भी नहीं पड़ने देगा और अपने माता - पिता को दहेज नहीं लेने को भी नहीं कहेगा क्योंकि हमारे यहाँ तो यह एक जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। खास कर मीडिल क्लाश के लोगों में दहेज लेना अधिक सम्मान की बात होती है। तो यहाँ लड़का बीच का रास्ता अपना लेता है। जिससे ना ही उसके माता - पिता को बुरा लगेगा और ना ही लड़की वालों के ऊपर अधिक भार पड़ने देगा। इससे दोनों परिवार में खुशी भी बनी रहेगी और संबंध भी अच्छा रहेगा।
यदि आप इस पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक से इस पुस्तक को पढ़ें या नीचे दिए गए दूसरे लिंक से हमारी वेबसाइट पर जाएँ!
https://hindi.shabd.in/mere-jivan-sathi-riya-singh-sikarvar-anamika/book/10087519
https://shabd.in/